बीजांड (Ovule) की संरचना को समझाइए | बीजांड | bijand ki saranchana
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बीजांड (Ovule) की संरचना को समझाइए | बीजांड | bijand ki saranchana
बीजांड की संरचना (Structure of Ovule):- बीजांड को गुरु बीजाणु धानी भी कहा जाता है, बीजांड अंडाशय की दीवार से एक डंठल द्वारा जुड़ा रहता है, जिसे बीजांड व्रंत कहते हैं बीजांड व्रंत जिस स्थान से जुड़ा रहता है वह स्थान नाभिका(Hilum) कहलाता है। इसके अंदर गुरु बीजाणु या मादा युग्मक का निर्माण होता है बीजांड का मुख्य भाग बीजांडकाय(न्यूसेलस) कहलाता है। यह भाग पतली भित्ति वाली कोशिकाओं से बना होता है बीजांड एक द्विस्तरीय अध्यावरण (Integuments) से ढका रहता है कुछ बिजांडो में यह आध्यावरण एक स्तरीय होता है। अध्यावरण बीजांडकाय को पूर्णतः नहीं ढकते हैं, यह कुछ भाग को खुला ही छोड़ देते हैं खुले हुए भाग को बीजांडद्वार कहते हैं। बीजांडकाय का अधारिय भाग निभाग (Chalaza) कहलाता है। बीजांड द्वार की और मादा युग्मक(Female Gametophyte) के रूप में भ्रूणकोष(Embriyo sac) पाया जाता है।
sturcture of ovule. |
भ्रूणपोष की अंड द्वार के छोर की और तीन केंद्रक मिलते है इनमें से एक अंडगोल व दो सहायक कोशिकाएं(सिनर्जिड्स) बनाती हैं। निभाग छोर पर भ्रूणकोष में तीन प्रतिमुखी कोशिकाएं एवं बीजांड के बीच में एक द्वितीयक केंद्रक(Secondary Neucleus) पाया जाता है। द्वितीयक केंद्रक का कार्य भ्रूण के लिए भोज्य पदार्थ का निर्माण करता है। निषेचन के बाद अंडाणु भ्रूण, बीजांड बीज तथा अंडाशय फुल का निर्माण करता है।
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