बाह्य निषेचन की व्याख्या करो तथा इसकी हानियां बताइए?
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बाह्य निषेचन की व्याख्या करो तथा इसकी हानियां बताइए?
बाह्य निषेचन (external fertilization) :- जब युग्मको (शुक्राणु व अंड) का संयोजन जनक के शरीर के बाहर होता है तो इसे बाह्य निषेचन कहते हैं। इस निषेचन को पानी जैसे माध्यम की आवश्यकता होती है। निषेचन की यह प्रक्रिया जलीय जीव जैसे मछली स्तनधारी जीव और शेवालों में पाई जाती है।
इस प्रक्रिया में जनक अंडे और शुक्राणु पानी में छोड़ देते हैं उसके बाद निषेचन की प्रक्रिया और संतान का विकास पानी में ही होता है।
बाह्य निषेचन के नुकसान :-
1. यह निषेचन केवल पानी जैसे द्रव्य में ही संभव है।
2. जीव धारियों को अत्यधिक संख्या में युग्मको का निर्माण करना होता है जिससे निषेचन के अवसर बढ़ जाए।
3. संतति अधिक संख्या में उत्पन्न होती है।
4. इस प्रक्रिया में जल का प्रभाव शांत होना चाहिए ताकि शुक्राणु और अंडाणु का मिलन आसानी से हो सके।
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