न्यूटन के गति का प्रथम नियम (Newton's First Law of Motion)

  न्यूटन के गति का प्रथम नियम (Newton's First Law of Motion):-  हम जानते हैं कि किसी भी वस्तु में गति उत्पन्न करने के लिए बल लगाना पड़ता है उदाहरण के लिए साइकिल चलाने वाले व्यक्ति को साइकिल के पैडल पर बल लगाना पड़ता है नाव में पानी को पीछे धकेल कर बल लगाया जाता है यदि हम पैडल चलाना बंद कर दे तो साइकिल रुक जाती है नाव में पतवार चलाना बंद कर दे तो नाव रुक जाती है। न्यूटन के गति का प्रथम नियम(Newton's First Law of Motion) यदि कोई वस्तु स्थिर अवस्था में है तो वह स्थिर अवस्था में ही रहेगी और यदि गति अवस्था में है तो वह उसी वेग से उसी दिशा में गतिमान रहेगी जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल ना लगाया जाए। न्यूटन का प्रथम नियम जड़त्व की परिभाषा बताता है कोई भी वस्तु उसकी अवस्था को स्वयं नहीं बदल सकती है बल वह बाह्य कारक है जो वस्तु की स्थिर अवस्था तथा गति अवस्था को बदलने के लिए उत्तरदायी है  बल के प्रभाव 1.स्थिर वस्तु में गति उत्पन्न करना। 2.गतिमान वस्तु को रोक देना। 3.वस्तु का आकार तथा आकृति बदल देना। बल एक भौतिक राशि है जिसका मापन किया जा सकता है इसका एस आई मात्रक न्यूटन है एक सदिश रा...

प्रिज्म का न्यूनतम विचलन कोण किसे कहते हैं?


7. प्रिज्म का न्यूनतम विचलन कोण किसे कहते हैं?

आपतीत किरण एवं निर्गत किरण के बीच बनने वाले कोण  को विचलन कोण कहते हैं और विचलन कोण के न्यूनतम मान को न्यूनतम विचलन कोण कहते हैं।


8. प्रकाश का व्यतिकरण किसे कहते हैं?

जब लगभग सामान आयाम तथा सामान आवृत्ति की दो प्रकाश तरंगें एक ही दिशा में गमन करती है तो उनके अध्यारोपण के फल स्वरुप प्रकाश की तीव्रता में परिवर्तन हो जाता है इस घटना को प्रकाश का व्यतिकरण कहते हैं।

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