न्यूटन के गति का प्रथम नियम (Newton's First Law of Motion)

  न्यूटन के गति का प्रथम नियम (Newton's First Law of Motion):-  हम जानते हैं कि किसी भी वस्तु में गति उत्पन्न करने के लिए बल लगाना पड़ता है उदाहरण के लिए साइकिल चलाने वाले व्यक्ति को साइकिल के पैडल पर बल लगाना पड़ता है नाव में पानी को पीछे धकेल कर बल लगाया जाता है यदि हम पैडल चलाना बंद कर दे तो साइकिल रुक जाती है नाव में पतवार चलाना बंद कर दे तो नाव रुक जाती है। न्यूटन के गति का प्रथम नियम(Newton's First Law of Motion) यदि कोई वस्तु स्थिर अवस्था में है तो वह स्थिर अवस्था में ही रहेगी और यदि गति अवस्था में है तो वह उसी वेग से उसी दिशा में गतिमान रहेगी जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल ना लगाया जाए। न्यूटन का प्रथम नियम जड़त्व की परिभाषा बताता है कोई भी वस्तु उसकी अवस्था को स्वयं नहीं बदल सकती है बल वह बाह्य कारक है जो वस्तु की स्थिर अवस्था तथा गति अवस्था को बदलने के लिए उत्तरदायी है  बल के प्रभाव 1.स्थिर वस्तु में गति उत्पन्न करना। 2.गतिमान वस्तु को रोक देना। 3.वस्तु का आकार तथा आकृति बदल देना। बल एक भौतिक राशि है जिसका मापन किया जा सकता है इसका एस आई मात्रक न्यूटन है एक सदिश रा...

एंजाइम क्या है इसके गुण लिखिए?

एंजाइम

एंजाइम क्या है इसके गुण लिखिए?

एंजाइम - जीवित कोशिकाओं से बने नाइट्रोजन युक्त जटिल कार्बनिक पदार्थ जो जैव रासायनिक क्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं एंजाइम कहलाते हैं। इन्हें जैव उत्प्रेरक या कोशिका के रासायनिक घोड़े भी कहते हैं। 

उदाहरण टाइलिन, इनवर्टेज, जाइमेज, माल्टोज, यूरिएज आदि।

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एंजाइम के गुण - 

1. एंजाइम क्रियाशीलता में अति विशिष्ट होते हैं।

2. यह प्रोटीन के बने होते हैं।

3. यह जैव उत्प्रेरक होते हैं।

4. यह पीएच (PH) संवेदनशील होते हैं।

5. यह ताप संवेदनशील होते हैं।

एंजाइम को प्रभावित करने वाले कारक :-

1. सांद्रता - एंजाइम की सांद्रता बढ़ाने पर अभिक्रिया की दर बढती जाती है।

2. क्रियाकारक की सान्द्रता -  क्रियाकारक की सांद्रता बढ़ाने पर अभिक्रिया की दर भी बढती है। , 

3. ताप - एंजाइम क्रिया के लिए अनुकूलतम ताप 20 डिग्री सेल्सियस से 35 डिग्री सेल्सियस तक होता है , 35 से अधिक तापक्रम पर एंजाइम विकृत हो जाते है जिससे अभिक्रिया की दर में कमी हो जाती है |

4. pH - अधिकांश एंजाइम 5 से 7.5 PH के बीच दक्षता पूर्वक कार्य करते है , pH मान के कम या अधिक होने पर अभिक्रिया की दर मंद हो जाती है |

5. एंजाइम संदमक : वे पदार्थ जो एंजाइम के सक्रीय स्थलों से संयोग करके उन्हें निष्क्रिय कर देते है , एंजाइम संदमक या निरोधक कहलाते है |

1897 में बर्जीलियस बुकनर ने सर्वप्रथम यीस्ट कोशिका से जाइमेज एंजाइम को प्राप्त किया, एंजाइम शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम कूहने नामक वैज्ञानिक ने किया।

जे.बी. सुमनर ने सर्वप्रथम यूरिएज नामक एंजाइम का क्रिस्टलीकरण किया इसके लिए सुमनर को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया

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