टिंडल प्रभाव, पेप्टिकरण, अपोहन, स्कंदन से आप क्या समझते हैं?
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
टिंडल प्रभाव
टिंडल प्रभाव से आप क्या समझते हैं?
टिंडल प्रभाव - जब किसी प्रकाश किरण को कोलाइडी विलियन में से गुजारा जाता है तो उसका प्रकीर्णन हो जाता है इस घटना को टिंडल प्रभाव कहते हैं इसका अध्ययन सर्वप्रथम जे. टिंडल ने किया था इसलिए इसे टिंडल प्रभाव कहा जाता है। कारण - टिंडल प्रभाव का कारण प्रकाश का प्रकीर्णन है।
उदाहरण - आकाश का निकला दिखाई देना, घर की छत से किसी क्षेत्र से आने वाले प्रकाश में धूल के गांव का चमकना आदि।
पेप्टिकरण क्या है?
यह कोलाइडी विलियन बनाने की विधि है किसी अवक्षेप को विद्युत अपघट्य द्वारा कोलाइडी विलयन में बदलना पेप्टिकरण कहलाता है
अपोहन क्या है?
यह कोलाइडी विलियन को शुद्ध करने की विधि है किसी अशुद्ध कोलाइडी विलयन में से पारगम्य झिल्ली द्वारा विसरण की क्रिया से अशुद्धियों को पृथक करने की क्रिया अपोहन कहलाती है।
स्कंदन किसे कहते हैं?
जब किसी कोलाइडी विलियन में विद्युत अपघट्य मिलाया जाता है तो कोलाइडी कण उदासीन होकर अवशेपित हो जाते हैं यह क्रिया स्कंदन कहलाती है। उदाहरण जब आर्सिनियस सल्फाइड के कोलाइडी विलयन में बेरियम क्लोराइड विलयन की कुछ बूंदे डाली जाती है तो वह स्कंदित हो जाती है।
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
टिप्पणियाँ