न्यूटन के गति का प्रथम नियम (Newton's First Law of Motion)

  न्यूटन के गति का प्रथम नियम (Newton's First Law of Motion):-  हम जानते हैं कि किसी भी वस्तु में गति उत्पन्न करने के लिए बल लगाना पड़ता है उदाहरण के लिए साइकिल चलाने वाले व्यक्ति को साइकिल के पैडल पर बल लगाना पड़ता है नाव में पानी को पीछे धकेल कर बल लगाया जाता है यदि हम पैडल चलाना बंद कर दे तो साइकिल रुक जाती है नाव में पतवार चलाना बंद कर दे तो नाव रुक जाती है। न्यूटन के गति का प्रथम नियम(Newton's First Law of Motion) यदि कोई वस्तु स्थिर अवस्था में है तो वह स्थिर अवस्था में ही रहेगी और यदि गति अवस्था में है तो वह उसी वेग से उसी दिशा में गतिमान रहेगी जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल ना लगाया जाए। न्यूटन का प्रथम नियम जड़त्व की परिभाषा बताता है कोई भी वस्तु उसकी अवस्था को स्वयं नहीं बदल सकती है बल वह बाह्य कारक है जो वस्तु की स्थिर अवस्था तथा गति अवस्था को बदलने के लिए उत्तरदायी है  बल के प्रभाव 1.स्थिर वस्तु में गति उत्पन्न करना। 2.गतिमान वस्तु को रोक देना। 3.वस्तु का आकार तथा आकृति बदल देना। बल एक भौतिक राशि है जिसका मापन किया जा सकता है इसका एस आई मात्रक न्यूटन है एक सदिश रा...

भौतिक राशियां किसे कहते हैं | bhotik rashiyan kise kehte hain | सदिश राशियां किसे कहते हैं | अदिश राशियां किसे कहते हैं | adhish rashiyan kise kehte hain | sadish rashiyan kise kehte hain

भौतिक राशियां

भौतिक राशियां - ऐसी राशियां जिनका प्रयोग मापन में किया जाता है भौतिक राशियां कहलाती है सामान्यतया भौतिक राशियां दो प्रकार की होती है।

1. अदिश राशियां 

2. सदिश राशियां

1. अदिश राशियां(Scalar Quantities) - अदिश का अर्थ होता है दिशाहीन, अतः ऐसी भौतिक राशियां जिन्हें व्यक्त करने के लिए केवल परिमाण की आवश्यकता होती है अदिश राशियां कहलाती है।

उदाहरण के लिए यदि हम कहे कि सेब का द्रव्यमान 200 ग्राम है तो हमारा अर्थ पूरा है। इसमें दिशा आवश्यक नहीं है।

उदाहरण - द्रव्यमान, घनत्व, लंबाई, समय, आयतन, चाल, ताप, विभव, कार्य, ऊष्मा की मात्रा, दाब, विशिष्ट ऊष्मा, कोण, आवृत्ति, विद्युत धारा, आवेश, शक्ति आदि अदिश राशियां है।

2. सदिश राशियां(Vector Quantities) - ऐसी भौतिक राशियां जिन्हें व्यक्त करने के लिए परिमाण के साथ-साथ दिशा भी आवश्यक हो सदिश राशियां कहलाती है। उदाहरण के लिए यदि हम किसी व्यक्ति से कहे की वस्तु को किसी बिंदु से 20 मीटर विस्थापित कर दें तो व्यक्ति हमसे पूछेगा- किस दिशा में? सामान्यतः 20 मीटर से हमारा अर्थ पूरा नहीं होता है अर्थ पूरा करने के लिए हमें दिशा बताना भी आवश्यक होगा।

उदाहरण - वेग, त्वरण, सवेंग, बल, विस्थापन, क्षेत्रफल, आवेग, बल आघूर्ण, ताप प्रवणता, वेग प्रवणता, चुंबकीय क्षेत्र, गुरुत्वीय क्षेत्र, विद्युत क्षेत्र, चुंबकीय आघूर्ण, भार, धारा घनत्व, कोणीय विस्थापन आदि सभी सदिश राशियां है।

सदिश तथा अदिश राशि में अंतर (Difference Between Scalar and Vector Quantities) - 

1. अदिश राशियों को व्यक्त करने के लिए केवल परिमाण की जरूरत होती है, जबकि सदिश राशियों को व्यक्त करने के लिए परिमाण के साथ-साथ दिशा की भी जरूरत होती है।

2. अदिश राशियों को जोड़ना, घटाना, गुणा तथा भाग साधारण गणितीय विधि से जबकि सदिश राशियों को जोड़ना, घटाना, गुणा तथा भाग बीजगणितीय विधि द्वारा किया जाता है।

3. अदिश राशियों को उनके अंग्रेजी के सादा अक्षर से व्यक्त करते हैं, जबकि सदिश राशियों को अंग्रेजी के मोटे अक्षर पर तीर का चिन्ह लगाकर व्यक्त करते हैं।

4.  दो अदिश राशियों का गुणनफल हमेशा एक अदिश राशि होता है, जबकि दो सदिश राशियों का गुणनफल अदिश अथवा सदिश दोनों हो सकता है।

5. द्रव्यमान, दूरी, समय, आदि अदिश राशि के उदाहरण हैं, जबकि विस्थापन, वेग त्वरण आदि सदिश राशि के उदाहरण है।

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